PM Kisan Yojana 19th भारतीय कृषि क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 फरवरी 2025 को बिहार के भागलपुर में आयोजित एक विशेष समारोह में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना की 19वीं किस्त जारी की। इस किस्त के माध्यम से देश भर के लगभग 9.8 करोड़ किसानों के बैंक खातों में सीधे 22,000 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए हैं। यह किस्त भारतीय किसानों के लिए आर्थिक सहायता के एक नए अध्याय की शुरुआत करती है।
पीएम-किसान योजना
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत 1 दिसंबर 2018 को हुई थी। इस योजना का प्राथमिक उद्देश्य देश के छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है। योजना के तहत, पात्र किसानों को प्रति वर्ष 6,000 रुपये की धनराशि तीन समान किस्तों में दी जाती है, जिसमें प्रत्येक किस्त 2,000 रुपये की होती है।
इस योजना की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि धनराशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाती है। इससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त होती है और पारदर्शिता सुनिश्चित होती है। इस प्रकार की प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) प्रणाली से यह सुनिश्चित होता है कि सरकारी सहायता बिना किसी रिसाव के वास्तविक लाभार्थियों तक पहुंचे।
19वीं किस्त का महत्व
24 फरवरी 2025 को जारी की गई 19वीं किस्त विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। इस किस्त के माध्यम से 9.8 करोड़ से अधिक किसानों को लाभान्वित किया गया है, जो भारत के कृषि क्षेत्र के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है। कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि इस किस्त के लिए कुल 22,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
इससे पहले, 18वीं किस्त अक्टूबर 2024 में जारी की गई थी। अब तक, इस योजना के माध्यम से कुल 3.46 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि किसानों को प्रदान की जा चुकी है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि पीएम-किसान योजना भारतीय कृषि अर्थव्यवस्था में कितना महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।
ई-केवाईसी और भू-सत्यापन का महत्व
सरकार ने पीएम-किसान योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए ई-केवाईसी (इलेक्ट्रॉनिक नो योर कस्टमर) और भू-सत्यापन को अनिवार्य कर दिया है। इन प्रक्रियाओं का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि योजना का लाभ केवल वास्तविक और पात्र किसानों तक ही पहुंचे।
ई-केवाईसी प्रक्रिया के माध्यम से किसानों की पहचान सत्यापित की जाती है, जिससे फर्जी लाभार्थियों को रोका जा सके। इस प्रक्रिया में किसानों के आधार विवरण का सत्यापन शामिल है, जो सुनिश्चित करता है कि लाभ सही व्यक्ति तक पहुंचे। भू-सत्यापन के माध्यम से किसानों की भूमि की जानकारी सत्यापित की जाती है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे योजना के मानदंडों के अनुसार पात्र हैं।
ई-केवाईसी प्रक्रिया कैसे पूरी करें
किसान ई-केवाईसी प्रक्रिया को पूरा करने के लिए तीन विकल्पों का उपयोग कर सकते हैं:
- ओटीपी-आधारित ई-केवाईसी: इस विधि में, किसान पीएम-किसान पोर्टल या मोबाइल ऐप पर जाकर अपने आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर प्राप्त वन-टाइम पासवर्ड (ओटीपी) के माध्यम से ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। यह विधि सरल और सुविधाजनक है, विशेष रूप से उन किसानों के लिए जिनके पास स्मार्टफोन और इंटरनेट की पहुंच है।
- बायोमेट्रिक ई-केवाईसी: किसान अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) पर जाकर बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के माध्यम से ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। इस विधि में उनके फिंगरप्रिंट या आइरिस स्कैन का उपयोग किया जाता है, जो अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करता है।
- राज्य सरकार के नोडल अधिकारियों के माध्यम से: किसान अपने क्षेत्र के राज्य सरकार द्वारा नियुक्त नोडल अधिकारियों से संपर्क करके भी ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। यह विकल्प विशेष रूप से उन किसानों के लिए उपयोगी है जिन्हें तकनीकी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है या जिनकी डिजिटल साक्षरता सीमित है।
भू-सत्यापन की प्रक्रिया
पीएम-किसान योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए भू-सत्यापन एक अनिवार्य प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया में निम्नलिखित चरण शामिल हैं:
- किसानों को अपने संबंधित राजस्व कार्यालय या पटवारी से संपर्क करना होगा।
- उन्हें अपनी भूमि से संबंधित दस्तावेज, जैसे खसरा-खतौनी, जमाबंदी, या अन्य भूमि स्वामित्व प्रमाण प्रस्तुत करने होंगे।
- राजस्व अधिकारी इन दस्तावेजों की जांच करेंगे और यह सत्यापित करेंगे कि किसान वास्तव में उस भूमि के मालिक हैं और योजना के लिए पात्र हैं।
- सत्यापन के बाद, अधिकारी पोर्टल पर किसान के विवरण को अपडेट करेंगे, जिससे किसान अगली किस्त के लिए पात्र हो जाएंगे।
भू-सत्यापन प्रक्रिया अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सुनिश्चित करती है कि योजना का लाभ केवल वास्तविक भूमि मालिक किसानों तक ही पहुंचे, जिससे धोखाधड़ी और दुरुपयोग की संभावना कम हो जाती है।
किस्त की भुगतान स्थिति कैसे जांचें
किसान अपनी किस्त की भुगतान स्थिति जानने के लिए निम्नलिखित कदम उठा सकते हैं:
- आधिकारिक पीएम-किसान पोर्टल (pmkisan.gov.in) पर जाएं।
- होमपेज पर उपलब्ध ‘बेनिफिशियरी स्टेटस’ विकल्प पर क्लिक करें।
- अपना आधार नंबर, बैंक खाता संख्या या पंजीकृत मोबाइल नंबर दर्ज करें।
- सभी जानकारी सबमिट करने के बाद, आपकी भुगतान स्थिति स्क्रीन पर प्रदर्शित होगी, जिसमें पिछली किस्तों का विवरण और वर्तमान किस्त की स्थिति शामिल होगी।
इसके अतिरिक्त, किसान पीएम-किसान हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करके भी अपनी किस्त की स्थिति जान सकते हैं। सरकार द्वारा एक मोबाइल एप्लिकेशन भी विकसित किया गया है, जिसके माध्यम से किसान अपने स्मार्टफोन से किस्त की स्थिति की जांच कर सकते हैं।
योजना का प्रभाव और भविष्य
पीएम-किसान योजना ने भारतीय कृषि क्षेत्र पर सकारात्मक प्रभाव डाला है। यह छोटे और सीमांत किसानों को आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान करके उनकी आजीविका में सुधार कर रही है। योजना के माध्यम से प्राप्त धनराशि का उपयोग किसान बीज, उर्वरक, कृषि उपकरण और अन्य कृषि इनपुट खरीदने के लिए कर रहे हैं, जिससे उनकी उत्पादकता और आय में वृद्धि हो रही है।
सरकार पीएम-किसान योजना को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। इसमें डिजिटल पहलों का विस्तार, लाभार्थियों की पहुंच में सुधार और योजना के कार्यान्वयन में अधिक पारदर्शिता लाना शामिल है। भविष्य में, योजना का विस्तार अधिक किसानों तक हो सकता है, और लाभ राशि में भी वृद्धि की संभावना है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना भारतीय कृषि क्षेत्र के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है। 19वीं किस्त का जारी होना इस योजना की निरंतरता और सरकार की किसान-केंद्रित नीतियों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
ई-केवाईसी और भू-सत्यापन जैसी प्रक्रियाओं के माध्यम से, योजना की पारदर्शिता और प्रभावशीलता में वृद्धि हो रही है, जिससे यह सुनिश्चित हो रहा है कि सरकारी सहायता सही लाभार्थियों तक पहुंचे। आने वाले वर्षों में, यह योजना भारतीय कृषि क्षेत्र के विकास और किसानों के कल्याण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रहेगी।